जगदलपुर निसंतान दंपतियों को नवजात बच्चे बेचने के मामले के तार अब सरकारी अस्पताल और नर्सिंग होम से भी जुड़ रहे हैं चपका में पकड़ाए इस रैकेट से जुड़ी महिलाओं के मोबाइल पर हुए काल डिटेल व सेव नंबर के छानबीन से यह तथ्य सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब पुलिस अपना जांच का दायरा बढ़ाते हुए इन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।
इस मामले को पुलिस ने भी गंभीरता से लेते हुए एसआईटी का गठन किया है। इस एसआईटी की कमान एसपी दीपक कुमार झा ने खुद संभाली है। इधर आरोपियों व उनके परिजन के मोबाइल फोन को भी सर्विलांस में रखा गया है।
गर्भ धारण करने वालों का येन-केन प्रकारेण प्रसव करवा देते हैं। इसके बाद वे उपचार के लिए नर्सिंग होम पहुंचने वाले दंपत्तियों की जानकारी रैकेट से जुड़ी महिलाओं तक देते हैं। इसके बाद रुपयों का लेन-देन व बच्चों को संबंधित को देने सारा दारोमदार उठाते हैं।
इस रैकेट के तार अंतरराज्यीय स्तर पर भी फैले हैंहाल ही में पांच बच्चों का किया है सौदा आरोपियों के पास से पांच ऐसे नवजात बच्चों की तस्वीर हाथ लगी, जिनका सौदा कर आरोपियों ने मोटी रकम वसूल किया है। इन सभी बच्चों का फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर बेच दिया गया है। एसपी ने कहा है सभी बच्चो को जल्द से जल्द तलाश रेस्क्यू किया जाएगा। इस नेटवर्क में और भी आरोपियों के नाम सामने आने बाकी पुलिस ने पहले ही रुखसार, सानिया, आशिया और संगीता तिवारी को गिरफ्तार करने के बाद रिमाण्ड में जेल भेज चुकी है।
केशरपाल सीएससी में पैदा हुई बच्ची और चपका, उप स्वास्थ्य केन्द्र में का बनाया जन्म-प्रमाण पत्र पुलिस के मुताबिक केशरपाल स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र में मुख बधिर किशोरी ने नवजात को जन्म दिया था, आरएचओ संगीता तिवारी ने उप स्वास्थ्य केन्द्र चपका का प्रमाण-पत्र बना दिया है। नियम विरुद्ध जाकर फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने का काम किया हैइस मामले में भानपुरी थाना प्रभारी मंगलवार को जांच के लिए केशरपाल सीएससी में पहुंचे थे। यहां उन्होंने बच्ची के जन्म देने वाली मुखबधिर माता के नाम सहित डिस्चार्ज किए जाने की जानकारी को खंगाला है